
*टपरंगा में गोस्वामी तुलसीदास का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया*
अशोक सारथी,आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा:-
जिले के तमनार ब्लॉक अंर्तगत ग्राम टपरंगा में 4अगस्त को गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मदिन दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।कार्यक्रम में सर्वप्रथम गोस्वामी जी की तस्वीर को स्थापित किया गया तत्पश्चात् संतोषानंद महराज जी के द्वारा दीप प्रज्वलित कर सात ही साथ चूड़ामणि मिश्रा के द्वारा म गुरु मंत्र उच्चारण किया गया जिसके साथ उपस्थित सभी ने गोस्वामी तुलसीदास जी के स्वरूप में पुष्प अर्पित किया। तत्पश्चात् उपस्थित वृद्ध जनो एवं शिक्षकों का स्वगात सम्मान किया गया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभव ने गोस्वामी तुलसीदास जी का अपने शब्दों व्याख्यान किया।
साथ ही इस कार्यक्रम के प्रेरक संतोषानंद जी महराज(पुजारी शारदा मंदिर) ने गोस्वामी तुलसीदासजी की संक्षिप्त जीवनी का कथा सुनाया- उन्होंने अपने शब्दों में बताया कि प्रयागके पास बाँदा जिले में राजापुर नामक एक ग्राम है, वहाँ आत्माराम दूबे नाम के एक प्रतिष्ठित सरयूपारीण ब्राह्मण रहते थे। उनकी धर्मपत्नीका नाम हुलसी था। संवत् 1554 की श्रावण शुक्ला सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्रमें इन्हीं भाग्यवान् दम्पति के यहाँ बारह महीने तक गर्भ में रहने के पश्चात् गोस्वामी तुलसीदासजी का जन्म हुआ। जन्मते समय बालक तुलसीदास रोये नहीं, किन्तु उनके मुख से ‘राम’ का शब्द निकला। उनके मुख में बत्तीसों दाँत मौजूद थे। उनका डील-डौल पाँच वर्ष के बालक का सा था। इस प्रकार के अद्भुत बालक को देख कर पिता अमङ्गल की शङ्का से भयभीत हो गये और उसके सम्बन्ध में कई प्रकार की कल्पनाएँ करने लगे। माता हुलसी को यह देखकर बड़ी चिन्ता हुई। उन्होंने बालक के अनिष्ट को आशङ्का से दशमी की रात को नवजात शिशु को अपनी दासी के साथ उसके ससुराल भेज दिया और दूसरे दिन स्वयं इस असार संसार से चल बसीं। दासी ने, जिसका नाम चुनिया था, बड़े प्रेम से बालक का पालन-पोषण किया। जब तुलसीदास लगभग साढ़े पाँच वर्ष के हुए, चुनिया का भी देहान्त हो गया, अब तो बालक अनाथ हो गया। वह द्वार-द्वार भटकने लगा। इस पर जगज्जननी पार्वती को उस होनहार बालक पर दया आयी। वे ब्राह्मणी का वेश धारण कर प्रतिदिन उसके पास जातीं और उसे अपने हाथों भोजन करा जाती इस प्रकार से विस्तार रूप कथा सुनाया जिसे उपस्थित सभी महिलाएं एवं पुरुषों व बच्चे मुग्ध होकर सुने। इस कार्यक्रम में हारमोनियम, तबला के माध्यम से महराज चूूूड़ामड़ी मिश्रा ने वादन एवं कार्तिक राम चौहान सर ने गायन पर भगवान राम का सुन्दर भजन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया।
इस के मुख्य अतिथि के रूप में चंद्रमणी ठेठवार,भवानी शंकर बेहरा, बनमाली प्रसाद सिदार, कृष्णचंद पण्डा,छत्तरसिंह बैगा,रामलाल साव,अकुर गुप्ता, , विवेक बेहरा, कार्तिक राम चौहान, अश्विनी यादव,हेमसागर सिदार (सरपंच),शंभु निषाद, चितेश्वर बेहरा, सुरेश गुप्ता, अशोक सारथी, अनिल पटेल, तुलेश्वरी साहू,धरम कुंवर अगरिया, जमुना सिदार, सुकान्ती सिदार ने अपना अमुल्य समय गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मदिन पर एक साथ उपस्थित हो कर कार्यक्रम को सफल बनाया।